दो दिवसीय कहानी वाचन
कार्यशाला में लेखिका श्रीमती प्रज्ञा मिश्रा से बच्चों का मिलन एक यादगार अनुभव
रहा।
कक्षा 3 से 8 तक के बच्चों ने बड़े
ही उत्साह और उत्सुकता के साथ इसमें भाग लिया।
यह कार्यशाला उन
बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर थी जो लिखना और पढ़ना पसंद करते हैं — अपनी पसंदीदा
लेखिका से रूबरू होने का मौका भला किसे नहीं भाता!
बच्चों ने "बोलते
बुलबुले" कहानी संग्रह की कहानियाँ जैसे —
✨ आबरा का डाबरा
✨ ऊंट का बूट
✨ टेडी व अन्य कहानियाँ
नॉवेल Gigi Zaara
को जब स्कूल से मिलने वाली कहानी की किताबों के माध्यम से
पढ़ा,तब बच्चों की उत्सुकता
के चलते लेखिका ने बच्चों से मिलने की इच्छा जताई और लेखिका बच्चों से रूबरू हुईं l
जब प्रज्ञा जी ने अपनी
नई नॉवेल “Gigi Zaara 2.0” के बारे में बताया, तो बच्चों की जिज्ञासा
और उत्साह चरम पर पहुँच गया।
उन्होंने न सिर्फ
कहानी के बारे में सवाल पूछे, बल्कि यह भी जाना कि
“कहानी कैसे जन्म लेती है।”
सत्र रचनात्मकता, प्रेरणा और सीख से
भरपूर रहा — सच में, “लेखक की कलम से” निकले
हर शब्द ने बच्चों के मन में नई उड़ान भर दी!








