'काव्य के रस को आत्मा की गहराई से ग्रहण करने पर कवि परंपरा आने वाली कई पीढ़ियों तक जीवित रहेगी।' इसी तथ्य पर आधारित अंतरसदन प्रतियोगिताओं की श्रेणी में हिंदी कवि सम्मेलन ' अंदाज़ - ए - बयां ' का 27 अगस्त 2024 को सफल आयोजन किया गया।
कहीं पौराणिक गाथाओं में महाकाव्यों की पंक्तियों ने स्थान पाया ,कहीं हँसना मना है थीम ने भरपूर हँसाया। कहीं देश की पुकार पर कवियों की वाणी ने शोले उगले तो कहीं निराशा और अवसाद से ग्रस्त आज के मानव को प्रोत्साहन और आशा की किरणों की रोशनी दिखाई गई।
निस्संदेह आज इंटरनेट के इस युग में ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन विद्यार्थियों में एक विशिष्ट कौशल विकसित करने में सहायक बनेगा।
परिणाम:- सर्वश्रेष्ठ कवि/ कवयित्री
पौराणिक गाथाएँ- मेधा अरोड़ा
हँसना मना है- मनोज्ञ जैन
देश की पुकार- श्लोक अजमेरा
आशा की किरणें- लावण्या शर्मा
उभरती कवयित्री- राधिका अग्रवाल
इस प्रतियोगिता में चित्तौड़गढ़ हाउस ने प्रथम स्थान प्राप्त किया ।